नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भगोड़े इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक पर भारतीय मुसलमानों को गुमराह करने और सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक पर “झूठा प्रचार” करने का आरोप लगाया है। विवादास्पद उपदेशक ने कहा था कि प्रस्तावित कानून के “बुरे नतीजे” होंगे और मुसलमानों से अपील की कि वे विधेयक की जांच कर रही भारतीय संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को अपनी अस्वीकृति भेजें। एक ऑनलाइन याचिका का क्यूआर कोड और यूआरएल साझा करते हुए उन्होंने कहा कि कम से कम 5 मिलियन भारतीय मुसलमानों को 13 सितंबर तक अपनी अस्वीकृति भेजनी चाहिए।
श्री रिजिजू ने नाइक के ऑनलाइन पोस्ट को “भ्रामक” और “झूठा प्रचार” बताया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कृपया हमारे देश के बाहर के निर्दोष मुसलमानों को गुमराह न करें। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोगों को अपनी राय रखने का अधिकार है। झूठे प्रचार से गलत बयानबाजी होगी।”
कथित धन शोधन और घृणास्पद भाषणों के लिए भारत में वांछित नाइक 2016 में देश छोड़कर भाग गया था।
वक्फ संशोधन विधेयक में मौजूदा संस्करण में 44 बिंदुओं पर बदलाव की बात कही गई है। इसमें वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम व्यक्तियों, एक केंद्रीय मंत्री, तीन सांसदों और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को शामिल करना शामिल है। संशोधन में महिलाओं को भी शामिल करने की बात कही गई है।
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विपक्षी दलों ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए इसे “कठोर” बताया है, लेकिन सरकार ने कहा है कि इससे पारदर्शिता आएगी तथा महिलाओं और बच्चों को उनकी विरासत की सुरक्षा के माध्यम से लाभ मिलेगा।
संशोधनों के अनुसार, वक्फ बोर्ड को प्राप्त धन का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा और अनाथों के कल्याण के लिए उसी प्रकार करना होगा जैसा सरकार सुझाती है।
श्री रिजिजू ने इससे पहले संसद में कहा था कि वक्फ बोर्डों पर “कुछ लोगों” ने कब्जा कर लिया है और यह विधेयक आम मुसलमानों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है।
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