नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने राजधानी की शराब नीति से जुड़े सीबीआई मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। कोर्ट की कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन वह सीबीआई मामले में जेल में ही हैं। इसका मतलब यह है कि अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें राहत देता है, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री पांच महीने से अधिक समय बाद जेल से बाहर आ जाएंगे।
सीबीआई ने 26 जून को श्री केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी को वैध ठहराया था और कहा था कि सीबीआई यह साबित करने में सफल रही है कि आप नेता गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
श्री केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व मामला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को सख्त मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत दो बार राहत मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने “बीमा गिरफ्तारी” के रूप में ऐसा किया है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दो साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। सिंघवी ने कहा, “तीन अदालती आदेश मेरे पक्ष में हैं। यह एक बीमा गिरफ्तारी है, ताकि उन्हें जेल में रखा जा सके।”
श्री सिंघवी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को तीन प्रश्नों का उत्तर देने की आवश्यकता है – क्या उसके भागने का खतरा है? क्या वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करेगा? क्या वह गवाहों को प्रभावित करेगा?