शिक्षा मंत्रालय ने जेईई एपेक्स बोर्ड (जेएबी) के बोर्ड ढांचे और प्रशासनिक ढांचे के पुनर्गठन के संबंध में एक अधिसूचना जारी की।
जेईई एपेक्स बोर्ड आईआईटी, एनआईटी और अन्य केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) में स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए जिम्मेदार है। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, वर्ष 2024 और 2025 के लिए जेईई (मेन) और जेईई (एडवांस्ड) दोनों परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए जेईई एपेक्स बोर्ड के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 18 अक्टूबर को जारी अधिसूचना 4 अक्टूबर, 2023 को जारी पिछली अधिसूचना का आंशिक संशोधन है। यह परिवर्तन परीक्षा के संचालन में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की भूमिका के संबंध में है। शेष अधिसूचना अपरिवर्तित रहेगी।
विज्ञप्ति के अनुसार, एनटीए परीक्षा से पहले और बाद के कार्यों के लिए सभी आईटी (सॉफ्टवेयर) संबंधी समर्थन और बैक-एंड गतिविधियों का प्रबंधन करेगा, जिसमें आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करना भी शामिल है और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और केंद्र से समर्थन मांगेगा। आवश्यकता पड़ने पर उन्नत कंप्यूटिंग (सी-डैक) का विकास।
जेएबी को एनटीए, आईआईटी से लिए गए पांच सदस्यों और संयुक्त एपेक्स बोर्ड द्वारा नामित भारतीय सांख्यिकी संस्थानों (आईएसआई) के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
एनटीए देश भर में जेईई (मेन) के संचालन के लिए प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करेगा। आईआईटी प्रणाली का जेईई एपेक्स बोर्ड (जेएबी) जेईई (एडवांस्ड) आयोजित करने की जिम्मेदारी जारी रखेगा।
जेएबी जेईई (मेन) से संबंधित नियम और विनियम स्थापित करने के लिए अंतिम प्राधिकारी होगा और जेईई (एडवांस्ड) आयोजन संस्थान के साथ समन्वय भी करेगा। सचिवालय प्रशासन, वित्त, अदालती मामलों, आरटीआई आदि के लिए जिम्मेदार होगा।
अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि जेईई (मेन) और जेईई (एडवांस्ड) में आईआईटी प्रणाली द्वारा स्थापित पारदर्शिता प्रक्रियाओं को अपनाया जाएगा। बोर्ड संरचना के पुनर्गठन से प्रवेश परीक्षाओं के सुचारु संचालन की उम्मीद है।
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