केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आज संसद में दावा किया कि केरल सरकार को 23 जुलाई को संभावित भूस्खलन के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी गई थी। मंगलवार को वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन में 150 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई और 200 लोग घायल हो गए। लापता 180 लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है।
गृह मंत्री ने दावा किया कि पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार को वायनाड में भूस्खलन आने से एक सप्ताह पहले ही केंद्र द्वारा चेतावनी दी गई थी। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्य में भारी वर्षा की भविष्यवाणी के बाद केंद्र ने एनडीआरएफ की नौ टीमें केरल भेजी थीं।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “केरल में एनडीआरएफ की नौ टीमें पहले ही भेज दी गई थीं। केरल सरकार ने समय रहते लोगों को नहीं निकाला।”
उन्होंने कहा, “भारत उन चार देशों में शामिल है जो प्राकृतिक आपदाओं के बारे में कम से कम सात दिन पहले चेतावनी दे सकते हैं।”
श्री शाह ने कहा कि यदि केरल सरकार एनडीआरएफ टीमों के पहुंचने के बाद सतर्क हो जाती तो भूस्खलन के कारण होने वाली मौतों को कम किया जा सकता था।
श्री शाह ने कहा, “नरेन्द्र मोदी सरकार वायनाड त्रासदी से निपटने के लिए केरल सरकार और लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।”
मंगलवार रात वायनाड का दौरा करने वाले केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने पहले कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार उच्चतम स्तर पर स्थिति पर नजर रख रही है। माननीय प्रधानमंत्री स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उन्होंने मुझे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए नियुक्त किया है। गृह मंत्रालय के दोनों नियंत्रण कक्ष 24×7 स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राज्य को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”
सेना और वायुसेना भी बचाव कार्य में जुटी हुई है। सेना के दो कॉलम और वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डॉग स्क्वॉड बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं।