मानसून तापमान में अचानक गिरावट, उच्च आर्द्रता और स्थिर पानी के कारण न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों को भी कठिनाई हो सकती है। स्वास्थ्य जैसी समस्याएं मलेरिया, डेंगू, निर्जलीकरण, टाइफाइड, चिकनगुनिया, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, हैजा, लेप्टोस्पायरोसिस और पीलिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इन बीमारियों के सामान्य लक्षण तेज बुखार, गंभीर शरीर दर्द, चकत्ते, उल्टी और पेट दर्द हैं।
एचटी लाइफस्टाइल के साथ एक साक्षात्कार में, नवी मुंबई के मेडिकवर हॉस्पिटल्स में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर के सलाहकार प्रमुख डॉ. नरजोहन मेश्राम ने खुलासा किया, “आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि दूषित भोजन और पानी के कारण भी कृमि संक्रमण देखा जा सकता है। इसके अलावा बच्चों को खांसी, सर्दी और फ्लू भी हो सकता है। इस प्रकार, बच्चों के लिए समय पर हस्तक्षेप की मांग करना अनिवार्य होगा। माता-पिता को डॉक्टर द्वारा सुझाए गए दिशानिर्देशों का ही पालन करना चाहिए। जब बात आपके बच्चों की हो तो डॉक्टर की जानकारी के बिना कोई भी ओवर-द-काउंटर दवा न लें।”
उन्होंने कुछ एहतियाती उपाय सुझाए जिनका माता-पिता को अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए –