अमित शाह ने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
नई दिल्ली:
जम्मू क्षेत्र में जहां सुरक्षा बल आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं, वहीं दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में लागू की जा रही नई तैनाती रणनीति की समीक्षा की।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, “गृह मंत्री ने जमीनी स्तर पर कार्यरत विभिन्न बलों के आकलन तथा मौजूदा सुरक्षा तंत्र में और अधिक बल तैनात करने के तरीकों पर चर्चा की।”
तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों ने भाग लिया और देश में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए जिम्मेदार खुफिया ब्यूरो के मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) के कामकाज की समीक्षा की।
बैठक में श्री शाह ने आतंकवादी नेटवर्क और उनके पारिस्थितिकी तंत्र को ध्वस्त करने तथा देश में उभरते सुरक्षा खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब जम्मू क्षेत्र में खुफिया जानकारी के अभाव या उसके प्रकार को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा लगता है कि किसी भी एजेंसी के पास इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है कि पिछले कुछ महीनों में कितने आतंकवादी घुसपैठ कर चुके हैं और वे कहां छिपे हुए हैं।
एमएसी केंद्र को स्पष्ट तस्वीर पेश करने से पहले सभी बलों से डेटा एकत्र करने के लिए जिम्मेदार है। उन्हें आतंकी नेटवर्क और कानून व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने का भी काम सौंपा गया है।
बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने कहा कि श्री शाह ने देश भर की सुरक्षा एजेंसियों तथा अन्य खुफिया एवं प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमएसी को अंतिम छोर तक पहुंचने वाले प्रत्युत्तरदाताओं सहित विभिन्न हितधारकों के बीच कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी को सक्रिय और वास्तविक समय पर साझा करने के लिए एक मंच के रूप में 24×7 काम करना जारी रखना चाहिए।
इस वर्ष प्रस्तावित योजना के अनुसार, एमएसी ढांचे में इसकी पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए एक बड़े तकनीकी और परिचालन सुधार की योजना है।