राम मंदिर 23 जनवरी से आम जनता के दर्शन के लिए खुला रहेगा.
अयोध्या में राम मंदिर में “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह 22 जनवरी को होने वाला है। भव्य समारोह में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे, जो उस दिन 'यजमान' (मुख्य यजमान) भी होंगे। इस कार्यक्रम में बॉलीवुड हस्तियां और खिलाड़ी समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी शामिल होंगे। “प्राण प्रतिष्ठा” दोपहर के बाद शुरू होने और एक घंटे तक चलने का कार्यक्रम है, हालांकि समारोह सोमवार को सुबह जल्दी शुरू हो जाएगा। प्रतिष्ठा समारोह के बाद मंदिर 23 जनवरी से आम जनता के दर्शन के लिए खुला रहेगा।
अब, जैसे-जैसे अयोध्या राम मंदिर में पवित्र 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह नजदीक आ रहा है, यहां आपको मंदिर के बारे में जानने की जरूरत है।
अयोध्या राम मंदिर का महत्व
अयोध्या राम मंदिर को हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह भगवान राम का जन्मस्थान है और एक पवित्र स्थान माना जाता है।
राम मंदिर की आधारशिला कब रखी गई?
राम मंदिर की आधारशिला 5 अगस्त, 2020 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी।
राम मंदिर की देखरेख कौन करता है?
मंदिर का प्रबंधन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया ट्रस्ट मंदिर के निर्माण की देखरेख भी कर रहा है, जिसका क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है, इसकी वेबसाइट के अनुसार। राम मंदिर का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो (L&T) द्वारा किया गया था।
कोई कैसे कर सकता है अयोध्या राम मंदिर के दर्शन?
अयोध्या पहुंचने के बाद, ऑटो-रिक्शा और साइकिल रिक्शा सहित स्थानीय परिवहन विकल्प आसानी से उपलब्ध हैं। यह मंदिर सरयू नदी के तट पर स्थित है, जो आपकी आध्यात्मिक यात्रा को एक शांत पृष्ठभूमि प्रदान करता है।
आरती का समय क्या है?
राम लला आरती दिन में तीन बार आयोजित की जाती है, जिससे भक्तों को सुबह 6:30 बजे जागरण या श्रृंगार आरती, दोपहर 12:00 बजे भोग आरती और शाम 7:30 बजे संध्या आरती में भाग लेने की अनुमति मिलती है। आरती में शामिल होने के लिए व्यक्तियों को ट्रस्ट द्वारा जारी पास की आवश्यकता होती है, जिसके लिए एक वैध आईडी प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
देरशाम का समय क्या है?
श्रद्धालु सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक अयोध्या राम मंदिर में दिव्य दर्शन का आनंद ले सकते हैं।
क्या अयोध्या राम मंदिर देखने के लिए कोई प्रवेश शुल्क है?
मंदिर में सामान्य प्रवेश निःशुल्क है। मंदिर में तीन अलग-अलग प्रकार की आरती की जाएगी जिसके लिए मुफ्त पास जारी किए जाएंगे। केवल पास वालों को ही आरती में शामिल होने की अनुमति होगी। प्रत्येक आरती में एक समय में केवल तीस लोग ही शामिल हो सकते हैं।
राम मंदिर की मूर्ति के बारे में
मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने 'राम लल्ला' यानी शिशु राम की मूर्ति बनाई है। नई मूर्ति काले पत्थर से बनी है और इसका वजन लगभग 150-200 किलोग्राम के बीच है। मूर्ति में देवता को पांच साल के लड़के के रूप में खड़ी मुद्रा में दर्शाया गया है।
राम मंदिर निर्माण की लागत क्या है?
मंदिर के निर्माण की देखरेख कर रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुरुआत में लागत 1,800 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था। इस अनुमान में निर्माण व्यय, सामग्री लागत, मशीनरी, श्रम और अन्य प्रशासनिक व्यय जैसे विभिन्न कारक शामिल हैं।
पिछले साल अक्टूबर में पीटीआई की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ट्रस्ट ने 5 फरवरी, 2020 और 31 मार्च, 2023 के बीच अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर 900 करोड़ रुपये खर्च किए।
अन्य बुनियादी ढांचे का विवरण
परिसर के चारों कोनों पर, चार मंदिर हैं – सूर्य देवता, देवी भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित। मां अन्नपूर्णा का मंदिर उत्तरी तरफ है, जबकि हनुमान मंदिर दक्षिणी तरफ है।
अयोध्या राम मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है।
जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है। मंदिर का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके किया जा रहा है, जिसमें पर्यावरण जल संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा।
राम मंदिर का निर्माण कब पूरा होगा?
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर का निर्माण इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
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