भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर ने सशस्त्र बलों के जवानों की सुरक्षा और कार्यकुशलता को बढ़ाने वाले एक नवाचार के तहत जवानों के लिए विशेष जूते तैयार किए हैं। ये जूते ऐसी तकनीक से लैस हैं जो बिजली पैदा कर सकती है और पहनने वाले के स्थान का वास्तविक समय में पता लगा सकती है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आईआईटी इंदौर ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को इन जूतों की 10 जोड़ी की पहली खेप पहले ही आपूर्ति कर दी है।
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा कि इन जूतों की नवीन विशेषताएं सेना के जवानों की सुरक्षा, समन्वय और दक्षता को बढ़ावा देंगी।
अधिकारियों के अनुसार, प्रोफेसर आईए पलानी के मार्गदर्शन में बनाए गए ये जूते ट्राइबो-इलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर (टीईएनजी) तकनीक से लैस हैं, जो हर कदम पर बिजली पैदा कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि बिजली को तलवों में लगे एक उपकरण में संग्रहित किया जाएगा और इसका उपयोग छोटे उपकरणों को चलाने में किया जा सकेगा।
अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक से लैस ये जूते वास्तविक समय में कर्मियों के स्थान का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि TENG प्रौद्योगिकी का उपयोग अल्जाइमर से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों, स्कूली बच्चों और पर्वतारोहियों के स्थान का पता लगाने के लिए किया जा सकता है, तथा इससे कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की उपस्थिति और काम पर नजर रखने में मदद मिल सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि ये जूते खिलाड़ियों की गतिविधियों का सटीक विश्लेषण कर उनके प्रदर्शन में सुधार ला सकते हैं।