
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) ने स्वयं प्लस राष्ट्रीय कार्यशाला – 'स्किलस्केप 2024' की मेजबानी की, जो 'उच्च शिक्षा और कौशल के भविष्य को दिशा देने' पर केंद्रित थी।
स्वयं प्लस शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और आईआईटी मद्रास की एक संयुक्त पहल है, जिसे एनईपी 2020 के अनुरूप शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य रोजगार-केंद्रित, कौशल पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है।
कार्यशाला में कौशल अंतर को दूर करने में प्रौद्योगिकी और साझेदारी की परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाया गया, साथ ही प्रमुख हितधारकों को अपनी पहल और समाधान प्रदर्शित करने के लिए मंच भी प्रदान किया गया।
आईआईटी मद्रास ने आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी में स्वयं प्लस पर छह नए कौशल-आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। शुरू किए गए नए पाठ्यक्रमों में 'एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग' एनसीआरएफ 4.5 स्तर का पाठ्यक्रम, 'सीएनसी मशीनिंग' – व्यावहारिक अनुभव के साथ बुनियादी बातें, 'व्यापक इलेक्ट्रॉनिक्स और एम्बेडेड सिस्टम' एनसीआरएफ 4.5 स्तर का पाठ्यक्रम, 'डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस' एनसीआरएफ 4.5 स्तर और 'स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग' – बुनियादी बातें शामिल हैं।
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शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार बरनवाल ने कहा, “एनईपी के साथ विनियमन और प्रतिबंधों की पूरी व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। यह केवल यह बताने वाला दस्तावेज़ नहीं है कि भारत सरकार क्या करने जा रही है, बल्कि यह एक विज़न दस्तावेज़ है कि देश क्या हासिल करना चाहता है। इसलिए, यह केवल सरकार ही नहीं है, बल्कि शिक्षा और अनुसंधान से जुड़ी हर संस्था इस यात्रा का हिस्सा है। यदि कोई छात्र आवश्यक क्रेडिट प्राप्त कर सकता है, तो वह 3 या 4 साल से पहले अपनी डिग्री पूरी करने के बारे में सोच सकता है। हम सभी एनईपी के स्तंभों को जानते हैं। हम समझते हैं कि नीति का ध्यान केवल संस्थान पर नहीं, बल्कि शिक्षार्थी पर है। कैंपस खुद ही अन्य सभी स्थानों पर जा सकता है और ऑनलाइन और कई अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर पाठ्यक्रम प्रदान कर सकता है। यह संभावना इसलिए आई है क्योंकि हमने 'सीखने' और 'सीखने वालों' के दृष्टिकोण से सोचना शुरू किया है।”
स्किलस्केप 2024 की थीम:
1. उच्च शिक्षा संस्थानों में कौशल विकास की आवश्यकता
2. कौशल विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका
3. उच्च शिक्षा संस्थानों में कौशल विकास के लिए उद्योग-अकादमिक साझेदारी
4. द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शहरों/कस्बों तक पहुंचना
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटी ने कहा, “एनईपी ने कुछ दिलचस्प अवधारणाओं को रेखांकित किया है जो युवा छात्रों को जल्द से जल्द अपनी आकांक्षाओं को प्राप्त करने में मदद करेंगे। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी, एआईसीटीई और आईआईटी काउंसिल जैसे इससे जुड़े अन्य संगठनों के साथ मिलकर ऐसे नियम बनाए हैं जो संस्थानों को एनईपी को लागू करने में मदद करेंगे।”
आईआईटी मद्रास के डीन (योजना) प्रोफेसर आर सारथी ने कहा, “ये पाठ्यक्रम उद्योग द्वारा प्रदान किए जाते हैं और इसलिए, सिस्टम में सभी को अगले स्तर पर जाने के लिए सशक्त बनाएंगे। इसे अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के शिक्षण के साथ हाइब्रिड मोड में पेश किया जा रहा है।”
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