कर्नाटक सरकार सिनेमा और सांस्कृतिक कलाकारों को समर्थन देने के लिए मूवी टिकट और ओटीटी सदस्यता शुल्क पर उपकर लगाने पर विचार कर रही है।
1 से 2 प्रतिशत तक के इस उपकर को राज्य सरकार हर तीन साल में संशोधित करेगी। यह उपकर कर्नाटक में सिनेमा टिकट, सदस्यता शुल्क और संबंधित प्रतिष्ठानों से प्राप्त राजस्व पर लागू होगा।
कर्नाटक सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ता (कल्याण) विधेयक, 2024 शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया गया।
विधेयक में मुख्य रूप से सात सदस्यीय कल्याण बोर्ड का गठन करने तथा कलाकारों के सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के लिए योजनाओं के वित्तपोषण हेतु एक कोष की स्थापना को आवश्यक माना गया है।
विधेयक में कहा गया है, “फिल्म उद्योग में कलाकार (अभिनेता, संगीतकार, नर्तक, आदि) के रूप में या किसी भी मैनुअल, पर्यवेक्षी, तकनीकी, कलात्मक या अकुशल क्षमता में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को सिनेमा और सांस्कृतिक कार्यकर्ता माना जाता है। यह उन लोगों पर भी लागू होता है जो सरकार द्वारा इस अधिनियम के संबंध में घोषित गतिविधियों में शामिल हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में मंचित होने वाले नाट्य नाटकों पर भी उपकर लागू करने की योजना बना रही है।