नई दिल्ली:
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ हुए भयानक बलात्कार और हत्या के विरोध में देश भर से सैकड़ों महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं। कोलकाता, दिल्ली और अन्य शहरों में कई महिलाएं पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए मोमबत्ती जलाकर जुलूस निकाल रही हैं और शांतिपूर्ण रैलियां निकाल रही हैं।
रात 11.55 बजे शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन को “आजादी की मध्य रात्रि को महिलाओं की आजादी के लिए” बताया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में महिलाएं “महिलाएं, रात को पुनः प्राप्त करें” और “पीड़ितों को बचाओ, बलात्कारियों को नहीं” लिखी तख्तियां थामे देखी गईं।
इसी तरह के दृश्य मुंबई और हैदराबाद में भी देखे गए, जहां निवासियों को शांतिपूर्ण मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करते देखा गया।
बंगाली मीडिया में आई खबरों के अनुसार, शोधकर्ता रिमझिम सिन्हा आरजी कार घटना के बाद 'रात्रि पुनः प्राप्ति' विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने वाली पहली व्यक्ति थीं।
अस्पताल परिसर में प्रशिक्षु डॉक्टर की नृशंस बलात्कार-हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है तथा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से भारी आक्रोश पैदा हो गया है।
कई लोगों ने देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बारे में सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया।
अभी हो रहा है: कोलकाता से प्रभावशाली दृश्य। लोग सुरक्षित कल सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
साथी कलकत्तावासियों, रात को वापस पा लो! हमें न्याय चाहिए ✊🏻 #आरजीकारिघटना#हमेंन्यायचाहिएpic.twitter.com/tnrxkKVq7b
— चंद्रजीत मित्रा | চন্দ্রজিৎ মিত্র (@चंद्रजीत_) 14 अगस्त, 2024
कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या
महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव शुक्रवार सुबह सरकारी पीजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला। इस सिलसिले में शनिवार को कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया।
प्रशिक्षु डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि आरोपी ने उसे इतनी जोर से मारा कि उसके चश्मे का शीशा टूट गया और उसकी आंखों में छर्रे घुस गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी ने उसका यौन शोषण किया और फिर उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मौत का समय शुक्रवार को सुबह 3 से 5 बजे के बीच था।
आज इस भयावह बलात्कार-हत्याकांड में और भी चौंकाने वाले विवरण सामने आए हैं, जिसमें उसके माता-पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। याचिका में कहा गया है कि शव परीक्षण में पीड़िता के शरीर में 150 मिलीग्राम वीर्य पाया गया, “यह मात्रा एक से अधिक व्यक्तियों की संलिप्तता का संकेत देती है, जिससे सामूहिक बलात्कार के संदेह की पुष्टि होती है”।
महिला के माता-पिता ने अपनी याचिका में कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मौत का कारण गला घोंटना था और यौन उत्पीड़न के स्पष्ट संकेत हैं।
पीड़िता के सिर के कई हिस्सों पर चोट के निशान थे। याचिका में कहा गया है, “दोनों कानों पर चोट के निशान थे, जो हिंसक संघर्ष का संकेत देते हैं। उसके होंठ घायल थे, जो संकेत देते हैं कि हमले के दौरान उसे चुप करा दिया गया था या उसका मुंह बंद कर दिया गया था।”
इसमें यह भी कहा गया कि उसकी गर्दन पर काटने के निशान पाए गए, जो हमले की गंभीरता को रेखांकित करते हैं।
याचिका में कहा गया है कि पोस्टमार्टम में पीड़िता के शरीर में 150 मिलीग्राम वीर्य पाया गया, “यह मात्रा एक से अधिक व्यक्तियों की संलिप्तता का संकेत देती है, तथा इससे सामूहिक बलात्कार की आशंका की पुष्टि होती है।”
मामला सीबीआई को सौंपे जाने से पहले, राज्य पुलिस ने अस्पताल में अक्सर आने वाले नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था।