Home Top Stories क्या विनेश फोगट की अयोग्यता को पलटा जा सकता है? पीएम मोदी ने ओलंपिक निकाय से पूछा

क्या विनेश फोगट की अयोग्यता को पलटा जा सकता है? पीएम मोदी ने ओलंपिक निकाय से पूछा

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क्या विनेश फोगट की अयोग्यता को पलटा जा सकता है? पीएम मोदी ने ओलंपिक निकाय से पूछा



नई दिल्ली:

पहलवान विनेश फोगाटभारत को स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद पेरिस ओलंपिकको आज एक झटका लगा जब फाइनल से कुछ घंटे पहले ही उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गयाकारण: 50 किलोग्राम कुश्ती स्पर्धा में भाग लेने के लिए उनका वजन 100 ग्राम अधिक था। इस खबर ने लाखों भारतीयों का दिल तोड़ दिया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय ओलंपिक संघ से अनुरोध किया है कि वह अयोग्यता के खिलाफ अपील करने के लिए सभी विकल्प तलाशे।

हालांकि सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि एक बार जब कोई एथलीट बुनियादी मानकों को पूरा करने में विफल हो जाता है तो मामले में बातचीत की बहुत कम गुंजाइश रह जाती है।

प्रधानमंत्री मोदी आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से व्यक्तिगत रूप से बात की, मामले की प्रत्यक्ष जानकारी मांगी और निवारण के संभावित रास्ते तलाशे। उन्होंने पीटी उषा को निर्देश दिया कि वे सुश्री फोगट के मामले का समर्थन करने के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल करें, जिसमें यदि आवश्यक हो तो अयोग्यता के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराना भी शामिल है।

प्रसिद्ध पहलवान और ओलंपिक पदक की उम्मीद विनेश फोगट को 50 किलोग्राम वर्ग में मजबूत दावेदार माना जा रहा था। उनके अयोग्य घोषित होने से व्यापक निराशा हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के त्वरित हस्तक्षेप से निर्णय को पलटने की उम्मीद फिर से जगी है।

कुश्ती के क्षेत्र में भारत की पदक उम्मीदों को बड़ा झटका तब लगा जब पहलवान विनेश फोगाट को आज 50 किलोग्राम महिला कुश्ती स्पर्धा से अयोग्य घोषित कर दिया गया।

विनेश को स्वर्ण पदक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से भिड़ना था। भारतीय ओलंपिक दल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सुश्री फोगाट ने 50 किलोग्राम से अधिक वजन उठाया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर पहलवान को सांत्वना देते हुए उन्हें चैंपियनों में चैंपियन बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आज की हार दुख पहुंचाती है। मैं चाहता हूं कि मैं शब्दों में उस निराशा की भावना को व्यक्त कर सकूं जो मैं अनुभव कर रहा हूं। साथ ही, मैं जानता हूं कि आपमें लचीलापन कूट-कूट कर भरा है। चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है। और मजबूत होकर वापस आएं! हम सब आपके साथ हैं।”



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