केंद्र ने शहर के एक लोकप्रिय सिविल सेवा कोचिंग सेंटर के बाढ़ग्रस्त बेसमेंट में मरने वाले तीन छात्रों की मौत की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि समिति कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीतिगत बदलावों की सिफारिश करेगी।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के अलावा, समिति में दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त और अग्निशमन सलाहकार सदस्य होंगे तथा गृह मंत्रालय में एक संयुक्त सचिव संयोजक होंगे।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के एर्नाकुलम के नेविन डेल्विन (24) की शनिवार रात ओल्ड राजेंद्र नगर में राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल के बाढ़ग्रस्त बेसमेंट में मौत हो गई।
दिल्ली पुलिस ने कोचिंग संस्थान के मालिक और समन्वयक को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया है।
यह बात सामने आई है कि राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी नियमों का उल्लंघन करते हुए चल रही थी, क्योंकि नगर निकाय ने इसके उपयोग की अनुमति केवल पार्किंग और भंडारण के लिए दी थी।
अधिकारियों ने कहा है कि जल निकासी व्यवस्था और सुरक्षा उपायों का अभाव तथा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट का व्यावसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाने के कारण कोचिंग सेंटर में तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत हो गई।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये मौतें “लापरवाही” का नतीजा हैं। हालांकि, श्री प्रधान ने उस व्यक्ति या सरकारी संस्था की पहचान नहीं बताई, जिसकी लापरवाही के कारण छात्रों की मौत हुई।
श्री प्रधान ने कहा, “लापरवाही हुई है। जब जवाबदेही तय होगी तभी समाधान निकलेगा। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटना दोबारा न हो।”