गुवाहाटी/अगरतला:
आने वाले भीषण चक्रवाती तूफान “रेमल” से पहले विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है तथा जिला प्रशासनों से अग्रिम एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात रेमल पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच पहुंच गया है, जो एक गंभीर चक्रवात में तब्दील हो गया है। चक्रवात केंद्र के आसपास अधिकतम 110-120 किमी प्रति घंटे की निरंतर हवा की गति बनी हुई है, जो बढ़कर 135 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम सरकारों ने अलग-अलग सलाह जारी की है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, जिला प्रशासन और अन्य विभागों को अधिकतम सतर्कता बनाए रखने को कहा है।
असम सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने कहा कि IMD ने 27 और 28 मई को असम के साथ-साथ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है।
एएसडीएमए के एक बयान में कहा गया है कि धुबरी, दक्षिण सलमारा, बोंगाईगांव, बजाली, तमुलपुर, बारपेटा, नलबाड़ी, मोरीगांव, नागांव, होजाई और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और चिरांग, ग्वालपाड़ा, बक्सा, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
त्रिपुरा सरकार ने 27 और 28 मई को विश्वविद्यालयों सहित सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए हैं।
राज्य के राजस्व सचिव बृजेश पांडे ने कहा कि कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र पर रेमल के प्रभाव को देखते हुए कोलकाता-अगरतला मार्ग पर सभी प्रकार की उड़ान परिचालन सोमवार सुबह 9 बजे तक निलंबित कर दिया गया है।
अन्य मार्गों – अगरतला-गुवाहाटी, अगरतला-दिल्ली और अगरतला-बेंगलुरु – पर उड़ान सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं।
इस मानसून-पूर्व मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला यह पहला चक्रवात है, जिसका नाम हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण की प्रणाली के अनुसार “रेमल” (या अरबी में रेत) रखा गया है।
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