चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि जी-7 के बयान ने चीन को “बदनाम और हमला” किया है।
बीजिंग:
जी-7 नेताओं द्वारा बीजिंग को रूस को हथियार घटक भेजना बंद करने की चेतावनी दिए जाने के बाद चीन ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन के अंत में दिया गया उनका बयान “अहंकार, पूर्वाग्रह और झूठ से भरा हुआ” था।
जब पिछले सप्ताह इटली में समूह सात के नेताओं की बैठक हुई, तो उनकी चर्चा का केन्द्र बिन्दु बीजिंग के साथ खराब होते व्यापारिक संबंध तथा यूक्रेन और दक्षिण चीन सागर पर तनाव था।
शिखर सम्मेलन के अंत में जारी बयान में कहा गया कि चीन रूस को दोहरे उपयोग वाली सामग्रियां भेज रहा है, जो यूक्रेन में मास्को के युद्ध में मदद कर रही हैं।
पिछले वर्ष के शिखर सम्मेलन की तुलना में अधिक कठोर भाषा का प्रयोग करते हुए जी-7 के वक्तव्य में दक्षिण चीन सागर में चीन के “सैन्यीकरण, तथा बलपूर्वक एवं धमकी देने वाली गतिविधियों” की भी आलोचना की गई।
सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि बयान में “चीन की निंदा की गई है और उस पर हमला किया गया है।”
उन्होंने एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “इसमें उन बातों को दोहराया गया है जिनका कोई तथ्यात्मक आधार, कानूनी आधार और नैतिक औचित्य नहीं है तथा जो अहंकार, पूर्वाग्रह और झूठ से भरी हैं।”
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)