वाशिंगटन:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत अपना प्रभुत्व नहीं चाहता बल्कि विश्व की समृद्धि में भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक शांति प्रक्रिया को गति देने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
न्यूयॉर्क में हजारों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत की विदेश नीति सभी के साथ समान दूरी नहीं बल्कि समान निकटता बनाए रखने की है।
अपनी टिप्पणी “यह युद्ध का समय नहीं है” का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय से कहा कि इसकी गंभीरता और गंभीरता को सभी मित्र समझते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब भी दुनिया में कोई आपदा आई है, भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में आगे आया है।’’ उन्होंने हाल ही में कोविड-19 संकट के दौरान 150 से अधिक देशों सहित दुनिया भर के लोगों को नई दिल्ली द्वारा प्रदान की गई सहायता का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि जब भी कहीं भूकंप आता है या गृह युद्ध होता है तो भारत सबसे पहले वहां पहुंचता है।
उन्होंने कहा, “वैश्विक विकास की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी तथा वैश्विक शांति में तेजी लाने के लिए भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।”
भारत का लक्ष्य वैश्विक प्रभाव बढ़ाना नहीं, बल्कि उसकी समृद्धि में भूमिका निभाना है।
उन्होंने कहा कि चाहे योग, जीवनशैली या पर्यावरण को बढ़ावा देना हो, यह केवल जीडीपी-केंद्रित नहीं बल्कि आप सभी के लिए मानव-केंद्रित विकास की आकांक्षा रखता है। उन्होंने कहा कि भारत “अपना वैश्विक प्रभुत्व नहीं चाहता है।”
उन्होंने कहा कि भारत आग की तरह नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम सूरज की तरह हैं जो चमक देता है।”
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)