अप्रैल 05, 2024 02:23 अपराह्न IST पर प्रकाशित
- दुनिया भर के मुसलमान पवित्र महीने रमज़ान के आखिरी शुक्रवार की नमाज़ के लिए इकट्ठा होते हैं।
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रमज़ान के पवित्र महीने में पांच शुक्रवार होते हैं और आखिरी शुक्रवार को जमात उल-विदा के नाम से जाना जाता है, जिसका अनुवाद 'विदाई का शुक्रवार' होता है। मुसलमानों का मानना है कि अलविदा नमाज के दौरान आप जो भी पूछेंगे, उसका उत्तर दिया जाएगा। (एचटी फोटो/विपिन कुमार)
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
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जैसे ही रमज़ान के आखिरी शुक्रवार को सूरज डूबता है, मुसलमान ईद-उल-फितर के जश्न का इंतजार करते हैं, जो खुशी, चिंतन और नवीकरण का समय है। (एचटी फोटो/विपिन कुमार)
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
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नई दिल्ली में लाल किले के पास सुनहरी मस्जिद में रमज़ान के आखिरी शुक्रवार को लोगों ने नमाज़ अदा की। (एचटी फोटो/विपिन कुमार)
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यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए काफी महत्व रखता है। (एचटी फोटो/विपिन कुमार)
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
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इस दिन उपासक मस्जिदों और प्रार्थना कक्षों में एक साथ आकर प्रार्थना करते हैं और क्षमा मांगते हैं। (एचटी फ़ोटो/विपिन कुमार)
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