
प्रतीकात्मक छवि
धनबाद:
झारखंड के धनबाद जिले के एक पुलिस स्टेशन में जब्त और संग्रहीत 10 किलोग्राम भांग और नौ किलोग्राम गांजा को नष्ट करने के लिए चूहों को दोषी ठहराया गया था।
संबंधित मामले से जुड़े एक वकील ने रविवार को बताया कि पुलिस ने मामले की जानकारी जिले की एक अदालत को दी।
अदालत द्वारा राजगंज पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को छह साल पहले जब्त किए गए भांग और गांजा को पेश करने का निर्देश दिए जाने के बाद पुलिस ने शनिवार को प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश राम शर्मा को एक रिपोर्ट सौंपी।
अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चूहों ने थाने के मालखाने में रखे नशीले पदार्थों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है.
अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करायी गयी है.
14 दिसंबर 2018 को राजगंज पुलिस ने शंभू प्रसाद अग्रवाल और उनके बेटे को 10 किलो भांग और नौ किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ थाने में एफआईआर भी दर्ज करायी गयी थी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले के जांच अधिकारी जयप्रकाश प्रसाद को जब्त भांग और गांजा को छह अप्रैल को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था.
मामले में बचाव पक्ष के वकील अभय भट्ट ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''प्रसाद शनिवार को राजगंज पुलिस थाना प्रभारी के आवेदन के साथ अदालत में पेश हुए, जिसमें कहा गया था कि चूहों ने सभी जब्त सामग्री को नष्ट कर दिया।''
भट्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके मुवक्किल को झूठे मामलों में फंसाया गया है, क्योंकि पुलिस जब्त की गई सामग्री प्रदर्शित करने में सक्षम नहीं हो सकी।
(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है।)
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