गुवाहाटी:
पिछले चार दिनों से भारी बारिश से प्रभावित त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को भी गंभीर बनी रही। दक्षिण त्रिपुरा में मिट्टी धंसने से सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग ने सभी आठ जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी रखा है।
वायुसेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद और सहायता पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण हवाई संसाधनों को सक्रिय कर दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की और टीमें तैनात की गई हैं।
आपदा राहत कार्यों में मानवीय सहायता के लिए आज दो सी-130 और एक एएन-32 विमानों ने एनडीआरएफ की कई टीमों और राहत सामग्री को अगरतला पहुंचाया। प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने और आगे के राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है।
राज्य में नदियों का जलस्तर काफी ऊंचा बना हुआ है – गोमती, दक्षिण त्रिपुरा, उनाकोटी और पश्चिम त्रिपुरा जिले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
छह जिलों – धलाई, खोवाई, दक्षिण त्रिपुरा, पश्चिम त्रिपुरा, उत्तर त्रिपुरा और उनाकोटी – में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सभी आठ जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
कुल मिलाकर, 19 अगस्त से जिला प्रशासन द्वारा राज्य में 65,400 से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए 450 राहत शिविर खोले गए हैं। प्रभावित आबादी 17 लाख का आंकड़ा पार कर गई है।
2,032 स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिनमें से 1,789 को साफ कर दिया गया है। बहाली का काम जोरों पर चल रहा है। 1,952 स्थानों पर सड़कों का कटाव हुआ, जिनमें से 579 स्थानों को अब तक बहाल कर दिया गया है।
अगरतला से सभी रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
गोमती, दक्षिण त्रिपुरा और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार गंभीर रूप से बाधित हो गया है।
मौसम विभाग ने आज और कल राज्य के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। आज पूरे राज्य और कल के लिए चार जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।