
संस्थान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
2008 में सात अन्य आईआईटी के साथ स्थापित, यह संस्थान जोधपुर-नागौर राजमार्ग पर 852 एकड़ से अधिक भूमि पर स्थित है।
संस्थान ने कहा, “पिछले 15 वर्षों में, आईआईटी जोधपुर ने अपने बहु-विषयक और नवाचार-उन्मुख पाठ्यक्रम और मजबूत अनुसंधान कार्यक्रमों के साथ खुद को प्रतिष्ठित किया है।”
आधिकारिक बयान के अनुसार, स्थिरता के लिए पहल के साथ आईआईटी जोधपुर परिसर देश में “सर्वोत्तम नियोजित तकनीकी परिसरों में से एक” है।
एनईपी 2020 के अनुरूप, आईआईटी जोधपुर का पाठ्यक्रम स्वच्छ ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायो-इंजीनियरिंग और अन्य उभरते क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है।
एम्स जोधपुर के साथ, यह मेडिकल टेक्नोलॉजीज में संयुक्त डिग्री भी प्रदान करता है।
संस्थान के छात्रों को डिजिटल मानविकी, कम्प्यूटेशनल सामाजिक विज्ञान, क्वांटम सूचना और संगणना, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और रोबोटिक्स और गतिशीलता इत्यादि जैसे अंतःविषय क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान में शामिल होने का अवसर मिलता है, आईआईटी जोधपुर ने सूचित किया है।
