Home Top Stories पूर्व प्रिंसिपल के कार्यकाल के दौरान कोलकाता अस्पताल की वित्तीय स्थिति जांच के घेरे में

पूर्व प्रिंसिपल के कार्यकाल के दौरान कोलकाता अस्पताल की वित्तीय स्थिति जांच के घेरे में

0
पूर्व प्रिंसिपल के कार्यकाल के दौरान कोलकाता अस्पताल की वित्तीय स्थिति जांच के घेरे में


नई दिल्ली:

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुए वित्तीय लेन-देन की जांच अब अनियमितताओं के आरोपों के बाद की जाएगी। पश्चिम बंगाल सरकार के एक आदेश में कहा गया है कि कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जो एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेगा।

अस्पताल परिसर में डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में भारी आलोचना का सामना कर रहे संदीप घोष से अब सीबीआई पूछताछ कर रही है।

सरकार के गृह एवं पर्वतीय मामलों के विभाग की आंतरिक सुरक्षा शाखा की ओर से जारी एक नोट में कहा गया है कि पुलिस महानिरीक्षक डॉ. प्रणव कुमार की अध्यक्षता वाली एसआईटी को “जांच को शीघ्र पूरा करने के लिए आवश्यक सरकारी विभागों और निजी एजेंसियों से किसी भी प्रासंगिक दस्तावेज तक पहुंचने की स्वतंत्रता होगी।”

टीम जनवरी 2021 से अब तक की अवधि में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करेगी।

आदेश में कहा गया है, “एसआईटी अपने गठन की तिथि से एक महीने के भीतर अपनी पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।”

यह कदम शहर के शीर्ष मेडिकल कॉलेज – नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल – में प्रिंसिपल के इस्तीफे के कुछ ही घंटों के भीतर उनके तबादले को लेकर भारी आलोचना के बीच उठाया गया है। विपक्ष, नागरिक समाज और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की थी।

न्यायाधीशों ने सवाल उठाया कि एक प्रधानाचार्य, जो अपने छात्रों की सुरक्षा के अपने कर्तव्य में विफल रहा है, को कैसे पुरस्कृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “यह मानते हुए भी कि इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है, संबंधित विभाग के एक जिम्मेदार उच्च अधिकारी से कम से कम यह अपेक्षा की जा सकती है कि वह प्रधानाचार्य को तत्काल उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दे तथा उन्हें समान जिम्मेदारी वाला कोई अन्य कर्तव्य न सौंपे।”

अदालत ने घोष को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है।

घोष के तबादले के कदम से ममता बनर्जी की सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, क्योंकि मुख्यमंत्री की कट्टर समर्थक महिलाएं बलात्कार-हत्या और मामले में पुलिस के रवैये को लेकर नाराज हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिकूल टिप्पणियों से आहत होकर घोष ने न केवल पद से इस्तीफा दे दिया, बल्कि सरकारी सेवा से भी इस्तीफा दे दिया। चार घंटे बाद एक सरकारी आदेश में उनके नेशनल मेडिकल कॉलेज में तबादले की घोषणा की गई।

अब उनसे केंद्रीय जांच ब्यूरो पूछताछ कर रहा है, जिसने इस बलात्कार-हत्याकांड की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसके कारण पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने उनसे कई सवाल पूछे हैं, जिनमें अस्पताल की सुरक्षा और उनके इस्तीफे से जुड़े सवाल शामिल हैं। उनसे यह भी पूछा गया है कि मौत को आत्महत्या घोषित करने में इतनी जल्दी क्यों थी, अपराध स्थल को दूषित क्यों किया गया और सेमिनार हॉल के पास के कमरों का अचानक नवीनीकरण क्यों किया गया, जहां डॉक्टर का शव मिला था।

अधिकारियों ने संकेत दिया कि पूर्व प्रिंसिपल ने अभी तक इन सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए हैं।

सीबीआई उनके कॉल रिकॉर्ड और चैट की भी जांच कर रही है और उनसे 9 अगस्त की घटना से पहले और बाद में किए गए फोन कॉल का ब्यौरा मांगा है।

(टैग्सटूट्रांसलेट)आरजी कर अस्पताल डॉक्टर बलात्कार मामला(टी)तृणमूल कांग्रेस(टी)ममता बनर्जी(टी)संदीप घोष



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here