नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन के एक मामले में विभिन्न शहरों में तलाशी के दौरान “अस्पष्टीकृत” नकदी में 2.54 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें वॉशिंग मशीन में छुपाया गया इसका एक हिस्सा भी शामिल है।
कई कंपनियों और उनके निदेशकों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिनमें मकरियनियन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, लक्ष्मीटन मैरीटाइम, हिंदुस्तान इंटरनेशनल, राजनंदिनी मेटल्स लिमिटेड, स्टवार्ट अलॉयज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, भाग्यनगर लिमिटेड, विनायक स्टील्स लिमिटेड और वशिष्ठ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। और इन कंपनियों के साझेदार विजय कुमार शुक्ला, संजय गोस्वामी, संदीप गर्ग और विनोद केडिया सहित अन्य भी जांच के दायरे में हैं।
ये तलाशी पिछले कुछ दिनों में दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता और हरियाणा के कुरुक्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर की गई, हालांकि, ईडी ने यह खुलासा नहीं किया कि वॉशिंग मशीन में रखी नकदी कहां से बरामद की गई।
यह कार्रवाई “विश्वसनीय जानकारी” के आधार पर की गई थी कि संस्थाएं “बड़े पैमाने पर” भारत के बाहर विदेशी मुद्रा भेजने में शामिल थीं। उन्होंने सिंगापुर की गैलेक्सी शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स और होराइजन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स को 1,800 करोड़ रुपये की “संदिग्ध” बाह्य प्रेषण की।
इन दोनों विदेशी संस्थाओं का प्रबंधन एंथोनी डी सिल्वा नामक व्यक्ति द्वारा किया जाता है। मकरियन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स, लक्ष्मीटन मैरीटाइम और उनके सहयोगियों ने फर्जी माल ढुलाई सेवाओं और आयात की आड़ में सिंगापुर स्थित संस्थाओं को 1,800 करोड़ रुपये का बाहरी प्रेषण किया।
ये लेनदेन नेहा मेटल्स, अमित स्टील ट्रेडर्स, ट्रिपल एम मेटल एंड अलॉयज और एचएमएस मेटल्स जैसी फर्जी संस्थाओं की मदद से जटिल लेनदेन के माध्यम से किए गए थे।
तलाशी के दौरान, 2.54 करोड़ रुपये की अस्पष्टीकृत नकदी मिली, जिसका एक हिस्सा वॉशिंग मशीन में छिपा हुआ था और जब्त कर लिया गया। छापे के दौरान विभिन्न “आपत्तिजनक” दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए। इसमें शामिल संस्थाओं के कुल 47 बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं।