पहले चरण के मतदान से पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर स्पष्ट हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘अराजकतावादी’’ कदम है। संसद सत्र इस वर्ष आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 25 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ होगी और उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र पर एक “काला धब्बा” बताया था।
प्रधानमंत्री, जिन्होंने चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत न मिलने के बाद अपना तीसरा कार्यकाल शुरू किया है, ने लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक मेहनत करेगी और तीन गुना परिणाम देगी।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आजादी के बाद यह दूसरी सरकार है जिसे लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया है। उन्होंने मीडिया से कहा, “यह अवसर 60 साल बाद आया है। जब लोगों ने किसी सरकार को तीसरे कार्यकाल के लिए चुना है, तो इसका मतलब है कि उसकी मंशा, उसकी नीतियों और उसके समर्पण पर मुहर लगी है। मैं इसके लिए लोगों को धन्यवाद देता हूं।”
तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “कल भारतीय लोकतंत्र पर लगे काले धब्बे के 50 साल पूरे हो रहे हैं। नई पीढ़ी यह नहीं भूलेगी कि कैसे भारतीय संविधान को खत्म किया गया, कैसे देश को जेलखाने में बदल दिया गया और लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया गया। इस 50वीं वर्षगांठ पर देश यह संकल्प लेगा कि ऐसा फिर कभी नहीं होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश और देशवासियों की सेवा के लिए सभी को साथ लेकर चलने की लगातार कोशिश करेगी, लेकिन उन्होंने विपक्ष के लिए एक सख्त संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, “भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है, लोग नारे नहीं, बल्कि सार्थकता चाहते हैं, वे संसद में नाटक और व्यवधान नहीं, बल्कि बहस और परिश्रम चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।”
उन्होंने कहा कि देश को सांसदों से बहुत उम्मीदें हैं और उन्होंने उनसे जनकल्याण के लिए हर संभव कदम उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी और कहा कि यह पहली बार है जब नए सांसद नए संसद भवन में शपथ लेंगे।