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फर्स्ट लुक: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन रातोंरात यात्रा में क्रांति लाएगी

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फर्स्ट लुक: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन रातोंरात यात्रा में क्रांति लाएगी


वंदे भारत स्लीपर के 800 किमी से 1,200 किमी के बीच की दूरी वाले मार्गों पर संचालित होने की उम्मीद है।

चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) वंदे भारत ट्रेन के बहुप्रतीक्षित स्लीपर संस्करण को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। नई जारी तस्वीरों में हमें ट्रेन का इंटीरियर, शानदार डिजाइन और एडवांस फीचर्स नजर आ रहे हैं।

यह नया संयोजन वंदे भारत पोर्टफोलियो का विस्तार करता है, जिसमें चेयर कार वेरिएंट और मेट्रो ट्रेनें शामिल हैं। रात भर की यात्रा के लिए डिज़ाइन की गई, वंदे भारत स्लीपर के 800 किमी से 1,200 किमी के बीच की दूरी वाले मार्गों पर संचालित होने की उम्मीद है।

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वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में यात्री आराम और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई विशेषताएं हैं। ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें 820 यात्रियों के बैठने के लिए 16 डिब्बे हैं। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ, नई ट्रेन यात्रा के समय को काफी कम कर देगी।

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आईसीएफ के महाप्रबंधक यू सुब्बा राव ने उन अत्याधुनिक सुविधाओं पर प्रकाश डाला जो वंदे भारत स्लीपर को पारंपरिक ट्रेनों से अलग करती हैं।

प्रमुख विशेषताऐं:

  • सेंसर-सक्रिय दरवाजे: यात्री इसे खोलने के लिए दरवाजे को छू सकते हैं।
  • स्पर्श-मुक्त बायो-वैक्यूम शौचालय: ये सुविधाएं स्वच्छता और सुविधा सुनिश्चित करती हैं।
  • इंटरकनेक्टिंग दरवाजे: आसान पहुंच के लिए डिज़ाइन किए गए।
  • टच-फ्री बायो-वैक्यूम शौचालय: ये सुविधाएं स्वच्छता को प्राथमिकता देती हैं और यात्रियों को शारीरिक संपर्क के बिना टॉयलेट का उपयोग करने की अनुमति देती हैं।
  • टॉक-बैक इकाइयाँ: ये इकाइयाँ यात्रियों और ट्रेन परिचारकों के बीच संचार में सुधार करती हैं।
  • फ्लाइट-स्टाइल अटेंडेंट बटन: प्रथम श्रेणी के डिब्बों में स्थित, ये बटन ऊपरी बर्थ तक आसान पहुंच की अनुमति देते हैं।
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सुरक्षा उपाय

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में अन्य उन्नत सुरक्षा सुविधाओं के अलावा एक आपातकालीन ब्रेक प्रणाली भी है। ट्रेन में “कवच” एंटी-टकराव प्रणाली और एंटी-क्लाइंबिंग तकनीक भी शामिल है, जो दुर्घटनाओं के दौरान डिब्बों को एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने से रोकती है।

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परीक्षण चरण

आधिकारिक लॉन्च से पहले ट्रेन को कठोर परीक्षण से गुजरना होगा। अगले दो महीनों में, इसकी सुरक्षा और सुरक्षा सुविधाओं के मूल्यांकन पर जोर देते हुए, 90 किमी प्रति घंटे से 180 किमी प्रति घंटे की गति पर इसका परीक्षण किया जाएगा। यह परीक्षण लखनऊ आरडीएसओ और पश्चिम रेलवे सुविधाओं पर होगा, जिसकी समाप्ति तिथि 15 नवंबर निर्धारित की गई है।



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