नई दिल्ली:
बिहार में आज एक और पुल ढह गया, 10 दिनों में यह छठा पुल है। भारी बारिश के बाद बंड नदी का जलस्तर बढ़ने से ठाकुरगंज प्रखंड में बना पुल आज एक फीट नीचे धंस गया। पुल की सतह पर दरारें पड़ गईं, जिससे इसका उपयोग करना जोखिम भरा हो गया।
पथरिया पंचायत के खोशी डांगी गांव में स्थित इस पुल का निर्माण 2007-2008 में ठाकुरगंज के तत्कालीन सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के सांसद निधि से हुआ था, लेकिन आज यह पानी का दबाव नहीं झेल सका।
यह पुल तीन से चार पंचायतों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को जोड़ता है और यदि यह पूरी तरह से ढह गया तो इससे लगभग 60,000 लोग प्रभावित होंगे।
कल मधुबनी क्षेत्र में एक निर्माणाधीन पुल ढह गया। बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 3 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल पर 2021 से काम चल रहा था।
इससे पहले अररिया, सीवान, पूर्वी चंपारण और किशनगंज से पुल ढहने की खबरें आई थीं।
पिछले हफ़्ते गुरुवार को किशनगंज जिले में एक पुल ढह गया था। उससे पहले 23 जून को पूर्वी चंपारण जिले में निर्माणाधीन पुल ढह गया था। 22 जून को सीवान में गंडक नहर पर बना एक पुल ढह गया था।
पहला मामला 19 जून को सामने आया था, जब अररिया जिले में एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था।
पुलों के लगातार ढहने से साजिश के सिद्धांत भी सामने आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सवाल किया, “लोकसभा चुनाव के बाद ही पुल क्यों ढहने लगे हैं?”
उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं 15 या 30 दिन पहले क्यों नहीं हो रही थीं? लोकसभा चुनाव के बाद ही पुल क्यों ढहने लगे? वे अब क्यों ढह रहे हैं? क्या राज्य सरकार को बदनाम करने की कोई साजिश है?”