नई दिल्ली:
भारत ने आज विशाखापत्तनम में अपनी दूसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट को नौसेना में शामिल किया। रक्षा मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा कि अरिहंत श्रेणी की यह पनडुब्बी भारत की परमाणु त्रिकोण को मजबूत करेगी, परमाणु प्रतिरोध को बढ़ाएगी, क्षेत्र में सामरिक संतुलन और शांति स्थापित करने में मदद करेगी और देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
परमाणु मिसाइल के कमीशनिंग समारोह में शामिल हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना की इस उपलब्धि को राष्ट्र के लिए एक उपलब्धि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के रक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आईएनएस अरिघाट के निर्माण में उन्नत डिजाइन और विनिर्माण प्रौद्योगिकी, विस्तृत अनुसंधान और विकास, विशेष सामग्री का उपयोग, जटिल इंजीनियरिंग और अत्यधिक कुशल कारीगरी का उपयोग शामिल है।
इसमें कहा गया है कि देश की परमाणु पनडुब्बी की विशेषता यह है कि इसमें स्वदेशी प्रणालियां और उपकरण लगे हैं, जिनकी संकल्पना, डिजाइन, निर्माण और एकीकरण भारतीय वैज्ञानिकों, उद्योग और नौसेना कर्मियों द्वारा किया गया है।