कोलकाता:
कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में भारी आक्रोश के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने गेंद भाजपा के पाले में डाल दी है और ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई और कठोर सजा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने पर जोर दिया है। दूसरी ओर, भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार को घेरने के लिए हरसंभव कोशिश की है।
भाजपा ने तृणमूल के खिलाफ पूरी ताकत झोंक दी
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस जघन्य अपराध को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर स्थिति अच्छी नहीं है। केंद्रीय मंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, “आप राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड में डेटा छिपा सकते हैं। लेकिन जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, उससे साबित होता है कि वे (महिलाएं) अच्छी स्थिति में नहीं हैं।”
विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है।
उन्होंने कहा, “इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के बजाय, राज्य सरकार ने 11 सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जिसमें विचित्र रूप से कुछ इंटर्न भी शामिल हैं। ऐसा लगता है कि सरकार या तो अपनी लापरवाही छिपाने की कोशिश कर रही है या फिर इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।”
वाम दलों ने भी सीबीआई जांच की मांग की है। सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, “आनंद का शहर भय के शहर में बदल गया है। तृणमूल कांग्रेस की सरकार में कोई भी सुरक्षित नहीं है, पूरा देश इस जघन्य घटना की निंदा कर रहा है।”
दिल्ली में तृणमूल की सहयोगी कांग्रेस भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गई है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में कांग्रेस कार्यकर्ता डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हुए दिखाई दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उनके प्रतिनिधियों को जांच समिति में शामिल किया जाए।
तृणमूल ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया है कि वह अपराधी के लिए मृत्युदंड की मांग करेंगी। बंगाल से जुड़े मामलों में सीबीआई जांच का विरोध करने के लिए जानी जाने वाली तृणमूल प्रमुख ने इस मामले में कहा है कि उनकी सरकार को केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के पास “छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है”।
सुश्री बनर्जी के भतीजे और तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि ऐसे मामलों में दोषी ठहराए गए लोगों को “मृत्युदंड या मुठभेड़” दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “केंद्र को ऐसे अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के लिए अध्यादेश लाना चाहिए। छह महीने बाद इसे संशोधन में बदला जा सकता है।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि तृणमूल ऐसे कानून का समर्थन करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस और वाम दलों समेत अन्य विपक्षी दलों को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी।
श्री बनर्जी ने कहा कि इस तरह के कानून से पांच से छह साल तक चलने वाले लंबे मुकदमों को रोका जा सकेगा और करदाताओं का पैसा बचेगा। उन्होंने कहा, “ये बलात्कारी, जो समाज में रहने के लायक नहीं हैं, उनका या तो एनकाउंटर करके या फिर फांसी पर लटकाकर निपटाया जाना चाहिए।”
जांच कितनी आगे बढ़ी है?
पुलिस ने इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है और आरोपी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार आरोपी एक नागरिक स्वयंसेवक है। उस पर बलात्कार और हत्या से संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य और घटना के समय रात की ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की गवाही पर आधारित है।
उन्होंने मीडिया से कहा, “यह एक जघन्य अपराध है और गिरफ्तार व्यक्ति कथित रूप से परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर इसमें शामिल है, जिसमें रात्रि ड्यूटी के दौरान मौजूद अन्य डॉक्टरों के बयान भी शामिल हैं।”
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि यदि अदालत में आरोप साबित हो जाएं तो आरोपी को अधिकतम सजा मिले।