कोलकाता के एक अस्पताल में डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले पर भाजपा के हमले का जवाब देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज इस संवेदनशील मामले में सीबीआई की जांच की प्रगति पर सवाल उठाया और पूछा कि “न्याय कहां है”।
तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीड़िता के माता-पिता से दो दिन बाद मुलाकात की, जब वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में ड्यूटी पर मृत पाई गई थी। उन्होंने पूछा, “मैंने पांच दिन का समय मांगा था, लेकिन मामला सीबीआई को भेज दिया गया। वे न्याय नहीं चाहते। वे देरी चाहते हैं। 16 दिन हो गए हैं, न्याय कहां है?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विधानसभा सत्र बुलाएगी और बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए एक विधेयक पेश करेगी।
तृणमूल नेता ने कल राज्य सचिवालय नबान्न तक निकाले गए मार्च को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, जिसके कारण कोलकाता की सड़कों पर अराजकता की स्थिति पैदा हो गई।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारें और लाठियाँ चलाईं, जिसके बाद 200 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस कार्रवाई के विरोध में भाजपा ने आज 12 घंटे का बंद बुलाया है।
उन्होंने कहा, “भाजपा ने बंद बुलाया है क्योंकि उन्हें शव चाहिए। हम न्याय चाहते हैं और आरोपियों को फांसी की सजा चाहिए। वे (भाजपा) पीड़िता के लिए न्याय मांगने के लक्ष्य से भटक गए हैं। अब वे बंगाल को बदनाम कर रहे हैं। भाजपा बेशर्म है। वे साजिश में लिप्त हैं।”
मुख्यमंत्री ने शहर की पुलिस की भी प्रशंसा की। “मैं पुलिस को सलाम करना चाहता हूं कि हमले के बावजूद वे जाल में नहीं फंसे और मौतों को रोका।”
इससे पहले कार्यक्रम में बोलते हुए तृणमूल महासचिव और सुश्री बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर केंद्र इस मोर्चे पर कदम नहीं उठाता है तो पार्टी बलात्कार विरोधी कानून के लिए एक निजी सदस्य विधेयक लाएगी। उन्होंने कहा, “एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है और पूरा भारत न्याय की मांग कर रहा है, लेकिन कुछ लोग इस पर लाशों की राजनीति कर रहे हैं। वे उन्नाव, हाथरस, कठुआ और बदलापुर के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। बलात्कार के मामलों में समयबद्ध सुनवाई और दोषसिद्धि होनी चाहिए और इसे कानून में शामिल किया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया है, जो घटना से निपटने के तरीके और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते जांच के दायरे में आ गए हैं।