नई दिल्ली:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को खाद्य नियामक एफएसएसएआई से खाद्य सुरक्षा मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर उपभोक्ताओं को जागरूक करने और स्वस्थ खान-पान की आदतों को बढ़ावा देने को कहा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, श्री नड्डा ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) मुख्यालय में समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा, “साक्ष्य आधारित जानकारी के माध्यम से विभिन्न खाद्य सुरक्षा मुद्दों पर उपभोक्ताओं और नागरिकों को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है। तभी हमारा कार्य समग्रता में पूरा हो सकेगा।”
नागरिकों के कल्याण में खाद्य सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए श्री नड्डा ने एफएसएसएआई से उपभोक्ताओं, उद्योग और हितधारकों को न केवल नियामक मुद्दों पर संवेदनशील बनाने, बल्कि स्वस्थ भोजन की आदतें विकसित करने के लिए व्यवहार में बदलाव लाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हालांकि नियामक मुद्दे एफएसएसएआई का एक महत्वपूर्ण अधिदेश हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर उपभोक्ताओं के संचार और संवेदनशीलता से ही पूरा हो सकता है।
मंत्री ने कहा, “भारत जैसे विशाल देश में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग आहार संबंधी आदतें और प्राथमिकताएं हैं। आइए हम उनके व्यवहार के बारे में अपनी समझ को व्यापक बनाएं। इससे हमें इन विविधताओं के अनुरूप अपनी नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एफएसएसएआई की सीईओ जी कमला वर्धन राव द्वारा एफएसएसएआई द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी दी गई।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा, “2016 में एफएसएसएआई के अपने पिछले दौरे के बाद से मैंने देखा है कि एफएसएसएआई ने सभी पहलुओं में बड़ी छलांग लगाई है।”
उन्होंने एफएसएसएआई को इस सर्वांगीण प्रगति के लिए तथा खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, व्यवहारगत परिवर्तन को बढ़ावा देने तथा सभी हितधारकों को संवेदनशील बनाने में उल्लेखनीय प्रगति के लिए बधाई दी।
श्री नड्डा ने बाजरा और कोडेक्स मानकों जैसे क्षेत्रों में एफएसएसएआई के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने स्ट्रीट वेंडरों को प्रशिक्षित करने और उन्हें सुसज्जित करने की पहल की सराहना की, तथा इस बात पर जोर दिया कि उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है।
श्री नड्डा ने कहा, “खाद्य सुरक्षा का मुद्दा एफएसएसएआई पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। आइए हम इस क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनें।”
केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक मानकों को विकसित करने, एक मजबूत परीक्षण बुनियादी ढांचे की स्थापना और ईट राइट इंडिया अभियान जैसी पहल शुरू करने में एफएसएसएआई के योगदान पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने उभरते खाद्य सुरक्षा रुझानों पर ध्यान देने, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के महत्व पर बल दिया।
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग और हितधारकों के साथ सक्रिय संवाद की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने FSSAI से कहा, “आइए हम सक्रिय नेतृत्व करें और उद्योग और हितधारकों के साथ संवाद करें और उन्हें हमारे स्वस्थ भोजन संबंधी पहलों और प्रयासों में अपना भागीदार बनाएं।”
नड्डा ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी राज्यों को अखिल भारतीय मानकों के एक मंच पर लाया जाए, उनकी शक्तियों, सीमाओं और चुनौतियों का आकलन करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि “हमें उनके व्यक्तिगत मुद्दों को समझना चाहिए ताकि हम उनका समर्थन कर सकें और उनके प्रयासों को मजबूत कर सकें।”
बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय और FSSAI के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। क्षेत्रीय और शाखा कार्यालयों से 1,000 से अधिक अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए थे।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)