राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि दसवीं और बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को भारत और विदेश में भ्रमण के लिए भेजने के लिए मानक तय किए जाएंगे।
बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा गया, “कक्षा 10वीं और 12वीं से 20-20 छात्रों को भेजने की सिफारिश की गई है, जिनमें खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों, एनसीसी, एनएसएस और भारत स्काउट एवं गाइड्स से 10-10 छात्र शामिल होंगे।”
शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ठाकुर ने कहा कि प्रतिबद्ध और समर्पित शिक्षकों को भ्रमण पर भेजा जाएगा तथा किराये के महाविद्यालयों के भवनों को विलय किए गए विद्यालयों के खाली भवनों में स्थानांतरित करने का निर्णय भी लिया गया।
यह भी पढ़ें: डीयू यूजी एडमिशन 2024: admission.uod.ac.in पर स्पॉट राउंड 1 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में प्रतिनियुक्ति पर गए शिक्षकों और अधिकारियों को जल्द ही वापस बुलाया जाएगा। उन्होंने उन शिक्षकों और अधिकारियों का रिकॉर्ड तलब किया जो सालों से दूसरे राज्यों में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षकों और अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे तथा उन्हें शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश में तैनात किया जाएगा।
स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों के युक्तिकरण के बारे में भी सुझाव दिए गए। बयान में कहा गया है कि स्कूलों में 30 नवंबर से पहले और कॉलेजों में 20 फरवरी तक वार्षिक समारोह आयोजित करने का भी प्रस्ताव है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली सरकार के स्कूलों में तैयार किए जा रहे हैं भविष्य के ओलंपियन: जोनल एथलेटिक मीट में सिसोदिया
सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए असम, छत्तीसगढ़ और गुजरात द्वारा अपनाए गए मॉडल का अध्ययन करने के निर्देश दिए गए।
समग्र शिक्षा द्वारा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में कक्षा तीन, छह और नौ के विद्यार्थियों के प्रदर्शन पर एक प्रस्तुति भी दी गई।
इस सर्वेक्षण के तहत हाल ही में 13,000 स्कूलों में आयोजित कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित परीक्षा में 1.61 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के सभी विंग आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि बेहतर परिणामों के लिए सुधारात्मक उपाय अपनाए जा सकें।
स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि अब तक 11,000 स्कूलों में शिक्षक अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और अगले महीने तक सभी 15,000 स्कूलों में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज हो जाएगी।
इस दौरान सभी विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति भी चरणबद्ध तरीके से शुरू हो जाएगी।कॉलेजों के शिक्षकों और प्राचार्यों को पुरस्कार देने के लिए मानक तय करने और उसमें नए विषय शुरू करने पर भी चर्चा हुई।