मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश):
आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्होंने शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने संबंधित चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में पेश न होने पर एक अन्य मंत्री अनिल कुमार के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी किया।
विशेष न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह फौजदार ने 4 सितंबर को जारी गैर-जमानती वारंट को वापस ले लिया और अग्रवाल को 25,000 रुपये की दो जमानतें पेश करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया।
मुजफ्फरनगर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक श्री अग्रवाल व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं।
अभियोजक नीरज सिंह ने पीटीआई को बताया कि अग्रवाल और अन्य के खिलाफ आदर्श आचार संहिता, महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन मानदंडों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है। ये आरोप 11 जनवरी, 2022 को रामलीला टीला इलाके में चुनावी सभाओं के “अनधिकृत आयोजन” से जुड़े हैं।
श्री अग्रवाल के वकील विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने गैर-जमानती वारंट वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया था। अदालत में आत्मसमर्पण करने के बाद वारंट वापस ले लिए गए और मामले की सुनवाई 27 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इसी से संबंधित एक मामले में, इसी अदालत ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में पेश न होने पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा राष्ट्रीय लोकदल के विधायक श्री कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
श्री सिंह ने कहा कि कुमार और अन्य के खिलाफ आदर्श आचार संहिता, महामारी रोग अधिनियम का उल्लंघन करने और आपदा प्रबंधन मानदंडों को तोड़ने के लिए मामला दर्ज किया गया था, क्योंकि उन्होंने फरवरी 2022 में खामपुर गांव में कथित रूप से अनधिकृत चुनावी सभाएं आयोजित की थीं।
श्री कुमार पुरकाजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)