Home Astrology 02 से 08 फरवरी 2024 तक साप्ताहिक पंचांग: बृहस्पति पारगमन भरणी नक्षत्र,...

02 से 08 फरवरी 2024 तक साप्ताहिक पंचांग: बृहस्पति पारगमन भरणी नक्षत्र, त्यौहार, शुभ मुहूर्त

38
0
02 से 08 फरवरी 2024 तक साप्ताहिक पंचांग: बृहस्पति पारगमन भरणी नक्षत्र, त्यौहार, शुभ मुहूर्त


जहां तक ​​ग्रह गोचर का सवाल है यह एक घटनापूर्ण सप्ताह है। दयालु ग्रह बृहस्पति, भरणी नक्षत्र में गोचर करेगा, जिसका स्वामित्व शुक्र के पास है। साथ ही, उग्र योद्धा मंगल अपनी उच्च राशि मकर में प्रवेश करेगा। इस सप्ताह सूर्य और बुध भी अपने नक्षत्र बदल रहे हैं। यह विवाह जैसे कार्यों के संचालन और संपत्ति और वाहनों की खरीद-फरोख्त के लिए भी एक शुभ समय है, क्योंकि इसके लिए शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। आइए नई दिल्ली, एनसीटी, भारत के लिए इस सप्ताह के महत्वपूर्ण पंचांग विवरण देखें।

प्रचलित ग्रह स्थिति के आधार पर दैनिक कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए साप्ताहिक पंचांग प्राप्त करें।

इस सप्ताह शुभ मुहूर्त

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि कोई कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उसके सफलतापूर्वक पूरा होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यदि हम ब्रह्मांडीय समयरेखा के अनुरूप कार्य निष्पादित करते हैं तो एक शुभ मुहूर्त हमें हमारे भाग्य के अनुसार सर्वोत्तम परिणाम प्रदान करता है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते समय मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है। विभिन्न गतिविधियों के लिए इस सप्ताह का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

बजट 2024 का संपूर्ण कवरेज केवल HT पर देखें। अभी अन्वेषण करें!
  • विवाह मुहूर्त: इस सप्ताह शुभ विवाह मुहूर्त 4 फरवरी 2024, रविवार (07:21 पूर्वाह्न से 05:44 पूर्वाह्न, 05 फरवरी), 6 फरवरी 2024, मंगलवार (01:18 अपराह्न से 06:27 पूर्वाह्न, 07 फरवरी) को उपलब्ध है। ), 7 फरवरी, 2024, बुधवार (04:37 पूर्वाह्न से 07:05 पूर्वाह्न, फरवरी 08) और 8 फरवरी, 2024, गुरुवार (07:05 पूर्वाह्न से 11:17 पूर्वाह्न) को।
  • गृह प्रवेश मुहूर्त: इस सप्ताह कोई शुभ गृह प्रवेश मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
  • संपत्ति क्रय मुहूर्त: शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त इस सप्ताह 2 फरवरी, 2024, शुक्रवार (05:57 पूर्वाह्न से 07:09 पूर्वाह्न, 03 फरवरी) को उपलब्ध है।
  • वाहन खरीद मुहूर्त: इस सप्ताह शुभ मुहूर्त 2 फरवरी 2024, शुक्रवार (04:02 अपराह्न से 05:57 पूर्वाह्न, 03 फरवरी), 4 फरवरी 2024, रविवार (05:49 अपराह्न से 07:07 पूर्वाह्न) तक उपलब्ध है। 05 फरवरी) और 5 फरवरी 2024, सोमवार (07:07 पूर्वाह्न से 07:54 पूर्वाह्न तक)।

इस सप्ताह आगामी ग्रह गोचर

वैदिक ज्योतिष में, ग्रहों का गोचर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे जीवन में परिवर्तन और प्रगति की आशा करने का प्रमुख तरीका हैं। ग्रह दैनिक आधार पर चलते हैं और इस प्रक्रिया में कई नक्षत्रों और राशियों से गुजरते हैं। यह घटनाओं के घटित होने की प्रकृति और विशेषताओं को समझने में सहायता करता है। इस सप्ताह आगामी गोचर इस प्रकार हैं:

  • बृहस्पति 3 फरवरी (शनिवार) को दोपहर 02:44 बजे भरणी नक्षत्र में गोचर करेगा
  • 5 फरवरी (सोमवार) को दोपहर 02:25 बजे सूर्य और शुक्र 30 डिग्री के गहरे कोण पर
  • मंगल 5 फरवरी (सोमवार) को रात्रि 09:56 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा
  • सूर्य 7 फरवरी (बुधवार) को रात्रि 01:53 बजे धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेगा
  • बुध 8 फरवरी (गुरुवार) को प्रातः 03:35 बजे श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करेगा

इस सप्ताह आने वाले त्यौहार

  • कालाष्टमी (शुक्रवार, 02 फरवरी): कालाष्टमी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव के अवतार भगवान भैरव का जश्न मनाता है, जो अपने क्रोधपूर्ण रूप के लिए जाने जाते हैं। यह हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है और साधकों के लिए इसका विशेष महत्व है। भक्त देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास करते हैं और अनुष्ठान करते हैं।
  • षटतिला एकादशी (मंगलवार, 06 फरवरी): माघ महीने के ग्यारहवें दिन षटतिला एकादशी, एक हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है। वे आत्माओं को आशीर्वाद देने और शुद्ध करने के लिए उपवास, प्रार्थना और धर्मार्थ गतिविधियों में काम करते हैं। महीने का आठवां दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, क्योंकि उन्हें आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करने और पापों को मिटाने वाला माना जाता है।
  • प्रदोष व्रत (बुधवार, 07 फरवरी): हिंदू धर्म के अनुसार, प्रदोष व्रत चंद्रमा के बढ़ने और घटने के 13वें दिन मनाया जाने वाला व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस दौरान भक्त सुबह से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखते हैं, जिसे शाम की पूजा के बाद तोड़ा जाता है।
  • मेरु त्रयोदशी (गुरुवार, 08 फरवरी): मेरु त्रयोदशी भगवान शिव पर केंद्रित हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है। यह माघ महीने के शुक्ल पक्ष के 13वें दिन पड़ता है, और यह भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती के बीच पवित्र मिलन को समर्पित है। इस शुभ दिन पर, भक्त उपवास करते हैं, अनुष्ठानों का पालन करते हैं और वैवाहिक आनंद और प्रचुरता के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • मासिक शिवरात्रि (गुरुवार, 08 फरवरी): मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को श्रद्धांजलि देने के लिए हर महीने में एक बार मनाया जाने वाला त्योहार है। चंद्र कैलेंडर के पखवाड़े के मध्य में, अनुयायी आशीर्वाद पाने के लिए रात भर जागते हैं, उपवास करते हैं और प्रार्थना करते हैं। यह शिव के दिव्य नृत्य का प्रतिनिधित्व करता है, जो उपासकों का उत्थान करता है और उन्हें दिव्यता के साथ एक बनाता है।

इस सप्ताह अशुभ राहु कालम्

वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु एक अशुभ ग्रह है। ग्रहों के गोचर के दौरान, राहु के प्रभाव वाले समय में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इस दौरान शुभ ग्रहों की शांति के लिए पूजा, हवन या यज्ञ करने से राहु अपनी अशुभ प्रकृति के कारण इसमें बाधा डालता है। कोई भी नया कार्य शुरू करने से पहले राहु काल का विचार करना जरूरी है। ऐसा करने से वांछित परिणाम प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है। इस सप्ताह के लिए राहु कालम का समय निम्नलिखित है:

  • 02 फरवरी: सुबह 11:13 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
  • 03 फरवरी: प्रातः 09:52 बजे से प्रातः 11:13 बजे तक
  • 04 फरवरी: शाम 04:40 बजे से शाम 06:02 बजे तक
  • 05 फरवरी: प्रातः 08:29 से प्रातः 09:51 तक
  • 06 फरवरी: 03:20 अपराह्न से 04:42 अपराह्न तक
  • फ़रवरी 07: दोपहर 12:35 बजे से दोपहर 01:58 बजे तक
  • फ़रवरी 08: दोपहर 01:58 बजे से दोपहर 03:20 बजे तक

पंचांग एक कैलेंडर है जिसका उपयोग वैदिक ज्योतिष में प्रचलित ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए किया जाता है। इसमें पांच तत्व शामिल हैं – वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। पंचांग का सार सूर्य (हमारी आत्मा) और चंद्रमा (मन) के बीच दैनिक आधार पर अंतर-संबंध है। पंचांग का उपयोग वैदिक ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं जैसे कि जन्म, चुनाव, प्रश्न (भयानक), धार्मिक कैलेंडर और दिन की ऊर्जा को समझने के लिए किया जाता है। हमारे जन्म के दिन का पंचांग हमारी भावनाओं, स्वभाव और प्रकृति को दर्शाता है। यह इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकता है कि हम कौन हैं और हम कैसा महसूस करते हैं। यह ग्रहों के प्रभाव को बढ़ा सकता है और हमें अतिरिक्त विशेषताएं प्रदान कर सकता है जिन्हें हम केवल अपनी जन्म कुंडली के आधार पर नहीं समझ सकते हैं। पंचांग जीवन शक्ति ऊर्जा है जो जन्म कुंडली का पोषण करती है।

———————-

-नीरज धनखेर

(वैदिक ज्योतिषी, संस्थापक – एस्ट्रो जिंदगी)

ईमेल: info@astrozindagi.in, neeraj@astrozindagi.in

यूआरएल: www.astrozindagi.in

संपर्क: नोएडा: +919910094779



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here